यह सच है कि स्त्री की दशा और दिशा, उसकी स्थिति और नियति, उसके दर्द-ओ-कर्ब को जितनी शिद्दत और प्रमाणिकता में सहजानुभूति और सहज अभिव्यक्ति एक स्त्री दे सकती है, वह किसी पुरुष कवि या लेखक की व्यापक करुणा और गहन संवेदना, विदग्ध सहानुभूति और तादात्म समानुभूति या अंतरानुभूति से भी मुमकिन नहीं है। गहन आत्म अनुभूति और भोगे हुए यथार्थ की प्रमाणिकता से रची गई इन कविताओं में इसलिए इतनी सहज सम्प्रेषणीयता है। आप इन्हे पढ़िए, मुझे पूरा भरोसा है कि ये आपको अपने निजी एहसास की कविताएं लगेंगी इसलिए भी कि ये आपसे खुद बोलती बतियाती हैं।
लेखक/Author | Pankhuri Wakt Joshi |
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ISBN-10 | 9393107173 |
ISBN-13 | 978-9393107176 |
पृष्ठों की संख्या/No. of Pages | 88 pages |
प्रकाशन तिथि/Publication date | 1 October 2022 |
भाषा/Language | Hindi |
Type | Hardcover |
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