Aisa Kyon – Nitin R. Upadhyay (paperback)

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हर समाज तीन स्तम्भों पर खड़ा होता है। पहला उसके लोग, दूसरा उसके अपने नैतिक मूल्य और तीसरा उसकी सभ्यता और संस्कृति। पहले दो स्तम्भ तीसरे के बिना अधूरे हैं। परम्पराऐं निभाते तो लगभग सभी हैं लेकिन उसे क्यों निभाया जा रहा है, इसका जवाब बहुत कम लोगों के पास होता है। आधुनिकता की दौड़ में हम अपनी जड़ों से दूर हो रहें हैं। हमारी मूल संस्कृति और सभ्यता क्या है? इसको समझने के लिए अपनी परम्पराओं को समझना बहुत ज़रूरी है। यह किताब- “ऐसा क्यों?” हमें हमारी जड़ों से जोड़ती है।


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हर समाज तीन स्तम्भों पर खड़ा होता है। पहला उसके लोग, दूसरा उसके अपने नैतिक मूल्य और तीसरा उसकी सभ्यता और संस्कृति। पहले दो स्तम्भ तीसरे के बिना अधूरे हैं। परम्पराऐं निभाते तो लगभग सभी हैं लेकिन उसे क्यों निभाया जा रहा है, इसका जवाब बहुत कम लोगों के पास होता है। आधुनिकता की दौड़ में हम अपनी जड़ों से दूर हो रहें हैं। हमारी मूल संस्कृति और सभ्यता क्या है? इसको समझने के लिए अपनी परम्पराओं को समझना बहुत ज़रूरी है। यह किताब- “ऐसा क्यों?” हमें हमारी जड़ों से जोड़ती है।

Author

लेखक/Author

Nitin R. Upadhyay

ISBN-10

8193486307

ISBN-13

978-8193486306

पृष्ठों की संख्या/No. of Pages

143 pages

प्रकाशन तिथि/Publication date

1 January 2014

Type

Paperback

भाषा/Language

Hindi

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