संग्रह की कविताओं में औरतें, बच्चे, बरखा, चिड़िया और उनके बच्चे, दायरे, चेहरे और उनके चरित्र अपनी असलियत के साथ आते हैं, उनकी कांख में सवालों की छोटी-छोटी पोटलियाँ हैं जिन्हें वे वक्त जरूरत खोलते हैं। पाठक और श्रोता समझ जाते हैं कि इन पोटलियों में वही असमंजस भरा है जिससे वे खुद भी दो-चार होते रहते हैं।
पवन वर्मा की ये कविताएँ अपने समय के खुले द्वार पर उनकी दस्तकें हैं जिन्हें सुना जाना चाहिए समझा जाना चाहिए। चूँकि यह उनका पहला संग्रह है इसलिए भी इसे सुधी पाठक अपनी उदारता के साथ न केवल पढ़ेंगे बल्कि अपनी महत्त्वपूर्ण प्रतिक्रिया देकर कवि को उपकृत भी करेंगे।
Poetry
Hona, Apne Samay Mein – Pavan Verma (Paperback)
₹200 ₹180
संग्रह की कविताओं में औरतें, बच्चे, बरखा, चिड़िया और उनके बच्चे, दायरे, चेहरे और उनके चरित्र अपनी असलियत के साथ आते हैं, उनकी कांख में सवालों की छोटी-छोटी पोटलियाँ हैं जिन्हें वे वक्त जरूरत खोलते हैं। पाठक और श्रोता समझ जाते हैं कि इन पोटलियों में वही असमंजस भरा है जिससे वे खुद भी दो-चार होते रहते हैं।
पवन वर्मा की ये कविताएँ अपने समय के खुले द्वार पर उनकी दस्तकें हैं जिन्हें सुना जाना चाहिए समझा जाना चाहिए। चूँकि यह उनका पहला संग्रह है इसलिए भी इसे सुधी पाठक अपनी उदारता के साथ न केवल पढ़ेंगे बल्कि अपनी महत्त्वपूर्ण प्रतिक्रिया देकर कवि को उपकृत भी करेंगे।
Weight: 210 g
लेखक/Author: Dr. Balkrishna Sharma
ISBN-10: 8193706668
ISBN-13: 978-8193706664
पृष्ठों की संख्या/No. of Pages: 88 pages
प्रकाशन तिथि/Publication date: 1 January 2019
Type: Paperback
भाषा/Language: Hindi
Weight | 210 g |
---|---|
ISBN-10 | 8193706668 |
ISBN-13 | 978-8193706664 |
भाषा/Language | Hindi |
लेखक/Author | Pavan Verma |
प्रकाशन तिथि/Publication date | 1 January 2019 |
पृष्ठों की संख्या/No. of Pages | 88 pages |
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