Dr. Jaya Mishra Agnihotri’s experiences of 21 years as a doctor are weaved together in a series of mesmerizing and heart warming short stories about the life of doctors and patients where the sensitivities, emotions, relations and perceptions are discussed, spoken and moreover questioned in a heart touching yet simple to understand language.
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डॉ मिश्रा प्रसूति एवं स्त्री रोग विशेषज्ञ के रूप में पेशे से प्रसिद्ध चिकित्सक हैं। पत्नी और माँ के दायित्व निर्वहन के साथ एक ओर वे एक अस्पताल, नर्सिंग कॉलेज और हायरसेकंडरी स्कूल की संचालक-प्रशासक हैं तो दूसरी ओर गायन, नृत्य, लेखन और समाजसेवा से गहरे तक जुड़ी हैं। इस तरह उनके व्यक्तित्व में नारी। सामर्थ्य सृजन के विविध रूपों में अभिव्यक्त होता है।
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कविता व लघुकथा लेखन में उनकी प्रतिष्ठा है। अब तक उनके दो काव्य संग्रह 'पुरानी डायरी' तथा 'मैं जया हूँ' प्रकाशित हो चुके हैं जबकि 'आय एम स्पेशल' नामक संकलन में उनकी लघुकथाएँ संकलित हैं।
उनकी कविताओं में निजी जीवन के सुख-दुःख, प्रेम के नाना रंग, ऋतुएँ और पर्व के साथ जीवन संघर्ष के साथ स्त्री मन के विभिन्न आयामों का प्रकटीकरण हैं। इसके उलट कथाओं में अपने चिकित्सकीय पेशे के अनुभवों की अभिव्यक्ति हुई है।
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