डॉ. रामप्रकाश तिवारी की यह रचना महाकालवन में पर्यटन करती है, इसमें साद्यन्त महाकाल की महिमा का गान है। बारह खण्डों में कथावस्तु विभाजित है। जिन्हें द्वादश ज्योतिर्लिंगों के नाम से नामांकित किया गया है। भामह का ‘शब्दार्थों काव्यम्’ कालिदास का ‘वागर्थो काव्यम्’ तो यहाँ प्रतिफलित ही हुआ है परन्तु विश्वनाथ का ‘सर्गबद्धमयं काव्यम्’ पल्लवित है। ‘‘ग्रन्थादौ ग्रन्थमध्ये च ग्रन्थान्ते च पुन: पुन: मङ्गलाचरण मिलता है। यह तो सर्वमङ्गल है। नमस्कार, प्रधान, आशीर्वाद प्रधान और वस्तुनिर्देेशात्मक मङ्गलाचरण की परम्परा में यह काव्य सचेष्ट है। महाकाल को नमन करते हुये बारह छन्दों में कवि ने भगवान शिव के सकल रूप का सुन्दर वर्णन किया है। उज्जयिनी का वैभव छन्दों में निबद्ध है।
Mythology, Spiritual
Jaganniyanta Shri Mahakaleshwar – Dr. Ram Prakash Tiwari (Hardcover)
₹351 ₹316
लेखक/Author | Dr. Ram Prakash Tiwari |
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ISBN-10 | 9393107041 |
ISBN-13 | 978-9393107046 |
पृष्ठों की संख्या/No. of Pages | 184 pages |
प्रकाशन तिथि/Publication date | 20 September 2022 |
भाषा/Language | Hindi |
Type | Hardcover |
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