प्रोफेसर वी. वेंकटचलम का जन्म 7 जुलाई 1925 को तमिलनाडु के तरुनेलवेली जिले के कोविलपट्टी में हुआ था। उनके पिता विद्यालय में प्रधानाध्यापक और माँ गृहिणी थीं। अपने प्रारम्भिक वर्षों में, वेंकटचलम ने मद्रास संस्कृत कॉलेज और श्री पेरम्बुदूर संस्कृत कॉलेज से स्वर्ण पदक प्राप्त किए। सेंट जेवियर्स कॉलेज और मद्रास संस्कृत कॉलेज से निबंध, आशुभाषण, भाषण, वाद-विवाद आदि में संस्कृत के साथ-साथ अंग्रे़जी भाषा की प्रतियोगिताओं में भी कई पुरस्कार अर्जित किए। उन्होंने संस्कृत अकादमी, कुप्पुस्वामी शास्त्री रिसर्च इंस्टीट्यूट, थियोसोफिकल सोसाइटी और चेन्नई के रामकृष्ण मठ, जैसे संस्थानों से पुरस्कार प्राप्त किए। रामकृष्ण मठ, (सोरिशा, पश्चिम बंगाल) से अंग्रे़जी में एक अखिल भारतीय निबंध प्रतियोगिता में भी उन्होंने पुरस्कार प्राप्त किया। पुरस्कार और राष्ट्रीय सम्मान- * भारत के माननीय राष्ट्रपति द्वारा संस्कृत भाषा के विद्वानों के लिए सम्मान प्रमाण-पत्र (1986) * भारत के माननीय राष्ट्रपति (1989) द्वारा ‘पद्मश्री’ राष्ट्रीय सम्मान। * बनारस हिंदू विश्वविद्यालय वाराणसी (2000) द्वारा ‘महामहोपाध्याय’ उपाधि। * शृंगेरी, काँची, द्वारका, बद्रीनाथ के जगद्गुरु शंकराचार्य, राजस्थान के माननीय राज्यपाल और उ.प्र. के मुख्यमंत्री द्वारा सम्मानित।
लेखक/Author | Prof. V. Venkatchalam |
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ISBN-10 | 9393107270 |
ISBN-13 | 978-9393107275 |
पृष्ठों की संख्या/No. of Pages | 254 pages |
प्रकाशन तिथि/Publication date | 1 October 2022 |
भाषा/Language | Hindi |
Type | Hardcover |
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